नए दौर की भारतीय कंपनियां पेटेंट की संभावना को लेकर जागरूक हो गई हैं। स्नैपडील से जुड़ी डिजिटल पेमेंट कंपनी फ्रीचार्ज ने एसएमएस का देसी विकल्प तैयार किया है, जो वन टाइम पासवर्ड पर आधारित है। कंपनी ने इस टेक्नोलॉजी के लिए पेटेंट भी दायर किया है। वन टाइम पिन वाले सॉल्यूशन का मकसद ऑनलाइन और ऑफलाइन ट्रांजैक्शन तेज करना और टेक्स्ट मेसेज के जरिये ओटीपी हासिल करने में होने वाली देरी को कम करना है।
यह इस इंडस्ट्री में नया ट्रेंड पैदा कर सकता है, जिसमें फ्लिपकार्ट, स्नैपडील और पेटीएम का दबदबा है। ये कंपनियां ऑनलाइन स्पेस में बेहतर टेक्नोलॉजी पेश करने के लिए रिसर्च और डिवेलपमेंट में बड़े पैमाने पर निवेश कर रही हैं। हालांकि, ऐसी टेक्नोलॉजी के लिए पेटेंट दायर करने का ट्रेंड ज्यादा नहीं है।
टेक कॉर्प लीगल में पेटेंट और ट्रेड मार्क के वकील राहुल देव ने बताया कि स्टार्टअप्स के बीच अब पेटेंट फाइल करने का ट्रेंड तेज हो रहा है। हालांकि, पेटेंट सिर्फ इनोवेशन या टेक्नोलॉजी को सुरक्षित रखने के लिए दायर नहीं किए जा रहे हैं। उन्होंने कहा, 'पेटेंट का पोर्टफोलियो (चाहे इसका रजिस्ट्रेशन पेंडिंग क्यों न हो) फंड जुटाने में कंपनी के लिए एक एसेट की तरह काम करता है।' ऐसे में पेटेंट लीगल टूल के बजाय बिजनेस टूल की तरह काम करते हैं। यह खासतौर पर वैसे फर्मों के लिए बिजनेस टूल के तौर पर काम करता है, जिनकी मौजूदगी अमेरिका और यूरोपीय देशों में भी है।
फ्रीचार्ज की तरफ से ओटीपी के स्थान पर डिवेलप की गई टेक्नोलॉजी पिन के जरिये मोबाइल में पहुंचती है और यह हर कुछ सेकेंड पर बदलती रहती है। बैंक के सर्वर्स और मर्चेंट्स ट्रांजैक्शन को प्रोसेस करने के लिए पिन की जांच करते हैं। फ्रीचार्ज के चीफ ऑपरेटिंग ऑफिसर गोविंद राजन ने बताया कि इस टेक्नोलॉजी के कारण रिटेलर्स और कस्टमर्स किसी को भी इंतजार नहीं करना पड़ता। ओटीपी सिस्टम में नेटवर्क कनेक्टिविटी की दिक्कत के कारण ट्रांजैक्शन में काफी देरी होती थी।
राजन ने बताया, 'यह सिस्टम दो बार वेरिफिकेशन की आरबीआई गाइडलाइंस की तर्ज पर है और इसमें रिटेलर्स या कस्टमर्स को अतिरिक्त 1 पैसा भी निवेश करने की जरूरत नहीं होती।' फ्रीचार्ज ने इस टेक्नोलॉजी के लिए शॉपर्स स्टॉप के साथ डील की है। इसके तहत शॉपर्स स्टॉप इस टेक्नोलॉजी के जरिये ट्रांजैक्शन शुरू करेगी।
राजन ने कहा, 'आरबीआई और सरकार दोनों सिस्टम में कैश घटाने पर फोकस कर रहे हैं और हम लगातार ऐसे सॉल्यूशंस की तलाश में हैं, जो कस्टमर्स को कैश के बजाय डिजिटल पेमेंट में सहूलियत मुहैया कराए।' फ्रीचार्ज की पेरेंट कंपनी स्नैपडील ने अब तक ऐसे प्लेटफॉर्म के लिए एक पेटेंट दायर किया है, जो ऑफलाइन को ऑनलाइन से कनेक्ट करता है। पेटीएम ने अब तक ऐसा एक भी पेटेंट दायर नहीं किया है।
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